आज हम कुछ हिन्दी में लिखने का प्रयत्न कर रहे हैं । वैसे अगर आप हिन्दी पढ़ना नही जानते तो यह आपकी समस्या है, हमारी नही।
खैर हम तो गुस्ताखी करने से बाज आयेंगे नही, और न ही हमें कोई परवाह है की कोई पढ़ पा रहा है या नही!!
कोशिश कर रहे हैं कुछ लिखने की....
"दिल की गहरायी से होकर इक रास्ता गुजरता है,
खामोश इन निगाहों में भी मकाम किसीका रहता है,
याद अगर आपको नही हैं हम, कोई गम नही इसका हमें,
जालिमों को भी दिल लगी करने का हक है, हर कतरा लहू का हमारे येही कहता है "
हम्म.... देखने में तो खूब है...!!!
2 comments:
बहुत ही खूब लिखा है आपने...
आपका यह प्रयास काबिले तारीफ़ है
वाह वाह...
but try reading this sometime... :)
Ghazal
bohat khoob! wah! :)
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